युवाशक्ति को ललकार

किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी संपत्ति उसका धन या प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि उसकी युवा शक्ति होती है। युवा समाज के वे ध्वजवाहक होते हैं जो आने वाले समय का मार्गदर्शन करते हैं। उनकी सोच, उनकी ऊर्जा, उनका संकल्प ही तय करता है कि देश किस दिशा में जाएगा — प्रगति की ओर या पतन की ओर।

भारत एक युवा राष्ट्र है — जहाँ की 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। यह आंकड़ा केवल संख्यात्मक नहीं, बल्कि संभावनाओं का महासागर है। लेकिन जब यह युवा शक्ति अपने मार्ग से भटकती है, दिशाहीन हो जाती है या निष्क्रिय बनी रहती है, तब यही शक्ति बोझ बन जाती है।

आज समय की मांग है कि युवा अपनी शक्ति को पहचानें, जागरूक बनें और राष्ट्र के नव निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। यह निबंध उसी ललकार का रूप है — एक पुकार, एक आग्रह कि “युवाओं! जागो, उठो और कुछ कर दिखाओ।”


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युवा: शक्ति, जो बदलाव ला सकती है

“युवा” केवल एक उम्र नहीं, एक मनस्थिति है — जोश, जुनून, और जज़्बे का मिश्रण। युवा वह होता है जो नए सपने देखता है, उन्हें साकार करने की हिम्मत रखता है और अपने कार्यों से समाज को दिशा देता है।

इतिहास गवाह है कि जब-जब युवाओं ने अपने सामर्थ्य को पहचाना है, तब-तब क्रांति आई है। चाहे वह आज़ादी की लड़ाई हो, वैज्ञानिक आविष्कार, या डिजिटल क्रांति — हर जगह युवा अग्रणी रहे हैं।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था —
“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।”

यह कथन आज के परिप्रेक्ष्य में और भी प्रासंगिक हो गया है।


आज की युवा पीढ़ी की स्थिति

1. शिक्षा और तकनीकी दक्षता

आज के युवा पहले की तुलना में अधिक शिक्षित हैं। डिजिटल तकनीक, इंटरनेट, स्टार्टअप्स और वैश्विक मंचों तक उनकी पहुंच है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा प्रतिभा स्रोत बन चुका है।

2. अवसरों की भरमार

सरकारी योजनाएं, स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और उद्यमिता के लिए अनुकूल माहौल युवाओं को उड़ान भरने का अवसर दे रहे हैं।

3. बढ़ती चुनौतियाँ

हालांकि, दूसरी ओर युवा वर्ग बेरोजगारी, मानसिक तनाव, दिशा-हीनता, नशाखोरी, सोशल मीडिया की लत, और नैतिक पतन जैसी चुनौतियों से भी जूझ रहा है।

इसलिए ज़रूरी है कि युवाशक्ति को ललकारा जाए — सही दिशा में चलने के लिए।


क्यों आवश्यक है “युवाशक्ति को ललकार”?

1. आत्मचिंतन की आवश्यकता

आज के युवा अपने आत्मबल को भूल बैठे हैं। उन्हें यह याद दिलाना जरूरी है कि वे बदलाव के वाहक हैं, केवल भोग-विलास के नहीं। यह ललकार उन्हें आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करती है।

2. राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी

देश का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसका युवा वर्ग कितना जिम्मेदार और क्रियाशील है। अगर युवा सोए हैं, तो देश ठहर जाएगा। उन्हें ललकारकर जगा देना अनिवार्य है।

3. बुराइयों से बचाव

युवा उम्र सबसे संवेदनशील होती है। गलत मार्ग पर जाने की संभावना अधिक होती है। “ललकार” उन्हें इस भटकाव से रोकने वाली चेतावनी है।


युवाशक्ति की संभावनाएँ

1. आर्थिक विकास में भागीदारी

स्टार्टअप, स्वरोजगार, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं युवाओं को नए रास्ते दे रही हैं। युवा यदि इन अवसरों को सही दिशा में लें, तो भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति बन सकता है।

2. सामाजिक बदलाव के वाहक

दहेज, भेदभाव, जातिवाद, भ्रष्टाचार — इन सामाजिक बुराइयों को जड़ से मिटाने की ताकत युवा पीढ़ी में है।

3. पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण संकट से निपटने में जागरूक युवा अहम भूमिका निभा सकते हैं — वृक्षारोपण, जल-संरक्षण, प्लास्टिक से दूरी जैसे अभियान में वे नेतृत्व करें।

4. तकनीकी नवाचार

आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में युवा क्रांति ला सकते हैं। भारत को टेक्नोलॉजी लीडर बना सकते हैं।


ललकार के रूप: कैसे जगाएं युवा शक्ति

1. प्रेरणादायक शिक्षा व्यवस्था

आज की शिक्षा केवल नौकरी के लिए तैयार करती है। ज़रूरत है ऐसी शिक्षा की जो युवाओं को राष्ट्रप्रेम, सेवा, आत्मनिर्भरता और नवाचार के लिए प्रेरित करे।

2. नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना

युवाओं को केवल जानकारी नहीं, संस्कार भी चाहिए। उन्हें यह सिखाना होगा कि शक्ति का उपयोग सेवा के लिए हो, स्वार्थ के लिए नहीं।

3. रोल मॉडल प्रस्तुत करें

उन्हें डॉ. कलाम, भगत सिंह, विवेकानंद, रानी लक्ष्मीबाई जैसे प्रेरणास्रोतों से जोड़ें। आज के समाज को भी सच्चे हीरो की तलाश है — फिल्मी सितारे नहीं, समाज को दिशा देने वाले नायक।

4. नेतृत्व के अवसर

राजनीति, प्रशासन, सामाजिक सेवा — हर क्षेत्र में युवाओं को आगे आने का अवसर दें। जब उन्हें जिम्मेदारी मिलेगी, तभी वे जवाबदेह बनेंगे।

5. समाजसेवा में सहभागिता

एनएसएस, एनसीसी, युवा मंडल, स्वयंसेवी संस्थाएं — इन मंचों के माध्यम से युवाओं को सामाजिक समस्याओं से जोड़ें। उन्हें समाधान का हिस्सा बनाएं।


युवाशक्ति को ललकार — कुछ उदाहरण

1. चंद्रयान और युवाओं का योगदान

ISRO की कई बड़ी उपलब्धियों में युवाओं की बड़ी भागीदारी रही है। चंद्रयान-3 और गगनयान मिशन में युवाओं की टीम ने दिखा दिया कि जब उन्हें अवसर और दिशा मिलती है, तो वे चमत्कार कर सकते हैं।

2. स्टार्टअप इंडिया की क्रांति

भारत में आज हजारों स्टार्टअप्स चल रहे हैं — ज़ोमैटो, ओला, बायजूज़, फ्लिपकार्ट आदि युवा सोच की उपज हैं। ये केवल बिजनेस नहीं, रोज़गार सृजन का माध्यम भी हैं।

3. किसान आंदोलन और युवा भागीदारी

हाल के वर्षों में हुए आंदोलनों में युवाओं की सक्रियता ने साबित किया कि वे केवल पढ़ाई या नौकरी में सीमित नहीं हैं — वे सामाजिक न्याय के लिए भी लड़ सकते हैं।


युवाशक्ति की दिशाहीनता: एक खतरा

यदि युवा शक्ति ललकार के बावजूद भी निष्क्रिय रहे, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे:

  • बढ़ती बेरोजगारी और निराशा
  • आपराधिक प्रवृत्तियों में वृद्धि
  • देश की आर्थिक प्रगति में बाधा
  • संस्कृति और मूल्यों का पतन

इसलिए आज समय की सबसे बड़ी पुकार है — “युवाओं! अब और नहीं, जागो!”


नवजागरण का मंत्र: युवा खुद को यूँ करें तैयार

  1. प्रत्येक दिन एक उद्देश्य के साथ शुरू करें
  2. समय की कीमत जानें — आलस्य छोड़ें
  3. देश और समाज के बारे में पढ़ें, सोचें और कार्य करें
  4. विकास और सेवा को अपना जीवन मंत्र बनाएं
  5. नेतृत्व करने की जिम्मेदारी लें — भागें नहीं
  6. हर गलत काम को चुनौती दें — मौन न रहें

निष्कर्ष

“युवाशक्ति को ललकार” केवल शब्द नहीं, क्रांति की पुकार है। यह उस सोती हुई क्षमता को जगाने की चेष्टा है, जो आज यदि जाग जाए, तो कल इतिहास रच सकती है।

भारत तब सशक्त बनेगा जब उसका युवा सशक्त होगा — मानसिक रूप से, नैतिक रूप से, और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ। आज की यह ललकार है — कि युवा अपने कर्तव्यों को समझें, अपने स्वप्नों को साकार करें और राष्ट्र को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएँ।

युवाओं, उठो! समय तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। यह जीवन केवल भोग के लिए नहीं, निर्माण के लिए है। भारत माता को आज तुम्हारी ज़रूरत है — क्या तुम तैयार हो?