भीतर का सम्राट – खोज बाहर नहीं, भीतर है

जब हम ‘सम्राट’ शब्द सुनते हैं, तो आंखों के सामने एक ऐश्वर्यपूर्ण छवि उभरती है – सोने का मुकुट पहने हुए कोई शक्तिशाली राजा, जिसके इशारे पर दुनिया चलती हो, …

Read more

खुद को बेच देना कितना आसान है, और आज़ाद जीना कितना मुश्किल

“खुद को बेच देना कितना आसान है, और आज़ाद जीना कितना मुश्किल…”यह वाक्य केवल एक काव्यात्मक भाव नहीं है, बल्कि एक कटु और गहन सत्य को उजागर करता है। यह …

Read more